बाबा आ जाओ ...बाबा आ जाओ....
मुझे दिखाओ वो घर मेरे अंतर में रहते जहाँ
तुम सदा
मुस्कान बन मन अन्तर में
बाबा आ जाओ ...बाबा आ जाओ....
कभी कभी ही मैं देख पाता
मैं देख पाता रोशन उजाला
किरणों की डोर के संग -संग मैं
जाता उतर गहरे अन्तर मैं
बाबा आ जाओ ...बाबा आ जाओ....
जब जब मैं देखूं गहरी आँखें
अनन्त का अंश मैं बन जाता
गहरे गहरे जाता उतर मैं
तुझको संग पाता अन्तर मैं
बाबा आ जाओ ...बाबा आ जाओ....
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